Psalms 128

1मुबारक है हर एक जो ख़ुदावन्द से डरता, और उसकी राहों पर चलता है। 2तू अपने हाथों की कमाई खाएगा; तू मुबारक और फ़र्माबरदार होगा।

3 तेरी बीवी तेरे घर के अन्दर मेवादार ताक की तरह होगी, और तेरी औलाद तेरे दस्तरख़्वान पर ज़ैतून के पौदों की तरह। 4देखो! ऐसी बरकत उसी आदमी को मिलेगी, जो ख़ुदावन्द से डरता है। 5ख़ुदावन्द सिय्यून में से तुझ को बरकत दे, और तू ‘उम्र भर यरूशलीम की भलाई देखे। बल्कि तू अपने बच्चों के बच्चे देखे।इस्राईल की सलामती हो!

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